दही खाने के फायदे और सही तरीका

दही  खाने के फायदे | 4 Best Benefits Of Eating Curd

दही  खाने के फायदे [ Best Benefits Of Eating Curd  ]

 दही सेहत के लिए अधिक लाभदायक होता है। आयुर्वेद में दही के भरपुर गुणों का विस्तार से उल्लेख किया गया है। दही खाने से केवल पाचन प्रक्रिया को बेहतर बनाता है, बल्कि हड्डियों को भी  बेहद मजबूती बनाता है। भारत मे परंपरागत स्वरूप से यह माना जाता है कि किसी भी शुभ काम से पहले दही और चीनी को खाने से सफलता मिलती है। आज भी भारत के कई परिवारों में यह प्रचलन है कि घर से बाहर निकल ने से पहले दही-चीनी मुह को मिठा करके ही निकला जाता है।दही के बारे में अक्सर कइ सारे लोंगो मे यह गलतफहमी होती है कि दही ठंडी तासीर खांसी या जुकाम को बढ़ाता है ।

दही के गुण [properties of curd]

आयुर्वेद में दही को एक भारी, चिकनाई कि मात्रा से भरपूर और पाचन क्रिया कि शक्ति को बढ़ाने वाला आहार है ।दहि का उपयोग अत्यधिक पौष्टिक है, तो दही को बच्चों से लेकर बुढे लोंग तक सभी के लिए लाभदायक होता है। दही में विटामिन, कैल्शियम और प्रोटीन की मात्रा बहुत भरपूर में पाई जाती है। यदि आप भोजन के साथ दही को इस्तमाल करते हैं, तो दही आपके पाचन प्रक्रिया को बेहतर बनाता है और हम जो खाना खाते हे उसको को आसानी से पाचन करता है ।

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दही के फायदे [ benefits of curd ]

दही को नियमित खाने से पाचन तंत्र कि प्रक्रिया को बहुत सही तरिके से होता है और पेट से जुड़ी कइ सारि बिमारियाए से बचाव करता है। इसके अलावा, दही के और भी कई स्वास्थ्य के लाभदायक हैं। आइए, जानते हैं कुछ प्रमुख लाभों के बारे में।

पेट के रोगों में दही खाने के फायदे [ Relief from stomach diseases ]

दही में बहुत मात्रा अच्छे बैक्टीरिया (Good Bacteria) होते हैं, जो पेट कि परेशानिओ के लिए बहुत फायदामंद होते हैं। दही पेट से जुडे रोगों में जल्दी आराम दायक करता है। किसी भी प्रकार के पेट के अंदर समस्या होती तो उस समय में दही को खाना बहुत लाभदायक होता है। दही को खाने से हमारे शरिर मे जो सोडियम होता उसको खत्म करता है दही.

क्या मलेरिया में दही खा सकते हैं? [ Can we eat curd in malaria? ]

मलेरिया के दौरान दही का उपयोग करने से अधिक मात्रा मे लाभ मिल सकता है। मलेरिया के समय दौरान प्रोटीन कि मात्रा जादा होनि चाहिए तो वो प्रोटिन दही मे ज्यादा होता है तो मलेरिया के समय सहि मात्रा मे अवश्य खाना चाहिए । हालांकि, मलेरिया के दौरान केवल घरेलु नुस्को पर निर्भर नहि रेहना चाहिए . डोक्ट्रर कि सलाह अवश्य ले ।

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क्या दहि सर्दि में बुखार से राहत दिलवाता है ? [ Does curd provide relief from fever in winter? ]

सर्दी के समय बुखार आना एक सामान्य बात है। हालांकि, सर्दी में अक्सर लोग दही से बचते हैं, लेकिन दही को खाने से सर्दी के बुखार में सहाय मे मद्द करता है। दही में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट बॉडी मे बहुत मात्रा मे होता है जो एनर्जी को मेंएज करता हैं, दही खाने से शरीर को गर्म रखता है और ठंड में भी बॉडी बेहतर रहती है।

खूनी बवासीर में दही  खाने के फायदे [ Benefits of curd in bloody piles ]

बवासीर मुख्यतः कब्ज के कारण होता है, और दही को खाने मे उपयोग करने से कब्ज को कम करने मे मद्द मिलती है, जिससे बवासीर की परेशानियाए में आराम मिलता है। विशेष स्वरूप से, दही की मलाई को खाने से खूनी बवासीर में लाभदायक माना जाता है।

दही खाने का सही तरीका [ Right way to eat curd ]

आयुर्वेद के अनुसार माना जाता है, रात के समय दही को खाना नहीं चाहिए। दही खाते समय इसमें घी, शहद, चीनी, मूंग की दाल, आंवला चूर्ण या लवण भास्कर चूर्ण जैसे पदार्थों में से कुछ मिक्षण करके हि खाना चाहिए। बिना इन चीजों को मिलाए दही को खाना नहीं करना चाहिए। दही को कभी भी आग या धूप में गर्म अवश्य करना चाहिए। दही में कफ और पित्त बढ़ाने वाले भरपुर गुण होते हैं, इसलिए गर्मी, बसंत और शरद ऋतु में दही का इस्तमाल न करने की सलाह दी जाती है। मानसून, हेमंत और शिशिर ऋतु में दही को खाना बहुत लाभदायक माना गया है।

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दही के साथ क्या नहीं खाना चाहिए [ What should not be eaten with curd ]

दही हमारे स्वस्थ्य के लिए लाभदायक है तो , यदि आप कुछ खाद्य पदार्थों के साथ इसको उपयोग करना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है। आयुर्वेद में ऐसे आहारों को विरुद्ध आहार कहा गया है। आइए, जानते हैं कि दही के साथ किन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए:
• दही और खीर को एक साथ खाने से पेट से जुड़ी परेशानियाए हो सकती हैं.
• दूध और दही को एक साथ खाने से पाचान की समस्याए उत्प्न होती है.
• पनीर और दही को एक साथ नहि खाना चाहिए .
• गर्म पदार्थ या गर्म भोजन के साथ नहि खाना नुकसान होता है .
• खीरा और दही के एक साथ उपयोग करने से कफ जाम हो जाता है .
• दही और खरबूजा एक साथ सेवन करने से पेट खराब हो सकता है और पाचन से जुड़ी कई सारी बिमारिया हो सकती हैं.
• ताड़ का फल और दही को एक साथ खाने से पेट मे गड्बड होती है .

दही का पानी (मस्तु) [Curd Water (Mastu) ]

आयुर्वेद के अनुसार, दही का पानी एक हल्का और पाचन को बढ़ावा देने वाला पेय है, जो कब्ज को कम करने में करता होता है। यह शरीर में वात को नियंत्रण करता है, स्रोतों को शुध्ध करता है और मल आराम दायक निकालने में मदद करता है। इसे सहि समय से पीने से शरीर को स्वस्थ और स्फूर्तिवान बनाए रखने में मद्द मिलती है।
मक्खन निकला दही
मक्खन निकला हुआ दही हमारे पाचन तंत्र पर खराब प्रभाव डाल सकता है, जिससे कब्ज और वात की परेशानिया बढ़ सकती है। हालांकि, इसका सीमित मात्रा में खाना संधिवात (गृहणी रोग) जैसी समस्याओं में लाभदायक हो सकता है।

अधपका (अधूरा जमा हुआ) दही [ Semi-cooked (incompletely set) curd ]

 हुए दही का इस्तेमाल करने से सेहत के लिए खराब असर हो सकता है, क्योंकि यह कफ दोष को बढ़ावा देता है और शरीर में असंतुलन पैदा कर सकता है। तो अधपका दही का सेवन नही करना चाहिए ।

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निष्कर्ष [conclusion]

दही एक पोषक और स्वास्थ्यवर्धक आहार माना जाता है, जो पाचन सुधारने और हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए लाभदायक का काम करता है। आयुर्वेद में इसके लाभों और सही उपयोग के नियमों पर जोर दिया गया है। दही का सही मात्रा और उचित सेवन संपूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है, लेकिन इसे सही समय और विधि से लेना आवश्यक है। गलत संयोजन से बचकर दही के गुणों का पूरी तरह लाभ उठाया जा सकता है। यदि आप ने सहि समय पर और उस्का सहि मात्रा मे सेवन नहि करेगे तो वो नुकसान भी कर सक्ता है तो अदि आप के शरिर मे कइ भि बिमारि है तो डोक्ट्र्र कि सलाह ले ।

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